नारी मन की विभिन्न परतों को खोलती एक रोचक और रहस्यमयी उपन्यास
हिन्दयुग्म प्रकाशन से प्रकाशित पर मेरा उपन्यास- “मेघना- एक अलबेली-सी पहेली“
समाज में औरतों के साथ हो रहे अन्याय सदा से ही कुछ कहने, लिखने के लिए प्रेरित करते रहे हैं. घर-ऑफ़िस हर जगह महिलाओं को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना पड़ता है. ऐसे में यदि पुरुष प्रधान समाज उनका शोषण करे तो उन पर क्या गुज़रती है, यही दर्द बयां करता है ये उपन्यास- मेघना- एक अलबेली-सी पहेली.
मेघना, एक काल्पनिक कहानी होते हुए भी इसने समेटे हैं अनगिनत लड़कियों की डायरी के वो पन्ने जिन्हें वे किसी को न सुना पाईं, न दिखा पाईं… मेघना कोशिश है उन दर्द की चिंगारियों को लोगों के दिलों में जलाने की.
यह ज़िंदगी के हर रंग को कैनवास पर बखूबी उतारती है. प्यार, रोमांस, फ़र्ज़, संघर्ष और कहानी का सबसे अहम हिस्सा रहस्य; इन सभी रंगों का सामंजस्य कहानी की विशेषता हैं. इसमें हर उम्र, प्रत्येक वर्ग का ख़ास ध्यान रखा है. समाज के हर हिस्से में कहानी सरलता से पहुंचे, यही कोशिश की है.
आपकी कहानी, मेरी जुबानी…
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एक उपन्यास जो तलबगार है मानवीय संवेदनाओं का