खुशियों की राह देखोगे तो
वो कभी न पास आएंगी तुम्हारे
क्योंकि वो तो न जाने कब से
दिल में छुपी बैठी है तुम्हारे
गम, ईष्या, लालच, क्रोध का साया
जाने किस-किस को तूने अपनाया
कभी इन्हें भुलाकर देखो
खुशी तभी आएगी बुलाकर देखो
नही तो वह रुठकर चली जाएगी
गम या खुशी एक ही रह पाएगी
जैसे रौशनी संग अन्धेरे का नाता है
एक आता तो दूसरा चला जाता है
सोच लो तुम्हे किसे अपनाना है
खुशी का इन सायों से कड़वा नाता है
मन का मैल साफ करके देखो !
सच्ची खुशी तभी पाओगे, मेरे यार देखो !
©®कुसुम गोस्वामी
(चित्र सौजन्य: इंटरनेट)
बहोत सुंदर रचना सर 👌
बहुत-बहुत शुक्रिया 🙏
🙏🙏
मन का मैल साफ करके देखो…खुशियां मिल ही जाएगी