काश कुछ ऐसा हो जाए
हाँ कोई जादू हो जाए
नाम तेरा होठों पे आए
और तू हाजिर हो जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
बादल पूछ के जल बरसाए
कभी धरती सूखी न रह पाए
कहीं फिर बाढ़ नही आए
काश कुछ ऐसा हो जाए
हर जुमॆ ही मिट जाए
बेफ्रिक हम घर से निकल पाए
मानो ये दुनिया स्वगॆ बन जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
हर दिल से बैर मिट जाए
एक दूसरे का हाथ थाम लिया जाए
सारी दुनिया दोस्त बन जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
पढ़ाई का बोझ कम हो जाए
मासूम कन्धे न थक जाए
बचपन फिर पहले जैसा हो जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
हर किसी को काम मिल जाएं
मेहनत से कोई न घबराएं
बेरोजगारी जड़ से ख़त्म हो जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
गरीबी ,भुखमरी ख़त्म हो जाए
गरीबों के दिन फिर जाए
कोई बच्चा कभी भूखा न सो पाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
नारी को उसका हक़ मिल जाए
बेटे ,बेटीओ में फर्क मिट जाए
हर स्त्री को सम्मान दिया जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए
हाँ कोई जादू हो जाए…
©®कुसुम गोस्वामी
(चित्र सौजन्य: इंटरनेट)
बहोत खूबसूरत रचना, अवश्य होगा ऐसा ही कुछ👌
शुक्रिया