रात की गहरी नींद के बाद,
सुबह का सूरज रात के बाद !
आँखे मींजे उगता सूरज.
हम सबको जगाता सूरज !
कानों में कुछ कह जाता.
जीने का पाठ सिखाता !
मैं सुबह जल्दी उठ जाता.
जग में तभी प्रकाश फैलाता !
चली गई रात की कालिमा,
जब मैंने फैलाई लालिमा !
उठ जाओ , प्यारे दोस्तों !
आलस को त्यागो दोस्तों !
सुबह के हसीं नज़ारे देखो,
चले गए चाँद – सितारे देखो !
©®कुसुम गोस्वामी
(चित्र सौजन्य: इंटरनेट)
बहोत खूबसूरत सर 👌👌
शुक्रिया