दहलीज पर टंगी तख्ती पर नाम बदल जाते हैं
लबों को जो भाते हैं वो तराने पुराने बदल जाते हैं
गुजरते वक़्त के साथ दिन-तारीख ही नहीं दोस्तों
दिलों में पल रहे ज़ज्बात भी बदल जाते हैं
कुसुम गोस्वामी ‘किम’
(चित्र सौजन्य: इंटरनेट)
हम भारत के लोग
दहलीज पर टंगी तख्ती पर नाम बदल जाते हैं
लबों को जो भाते हैं वो तराने पुराने बदल जाते हैं
गुजरते वक़्त के साथ दिन-तारीख ही नहीं दोस्तों
दिलों में पल रहे ज़ज्बात भी बदल जाते हैं
कुसुम गोस्वामी ‘किम’
(चित्र सौजन्य: इंटरनेट)
बेहतरीन पँक्तियाँ।
शुक्रिया 🙏🙏🙏