देश की प्रथम हिंदी बॉलीवुड मैगज़ीन मायापुरी में उपन्यास मेघना की समीक्षा: फ़िल्मी दुनिया की बहुचर्चित पत्रिका मायापुरी पढ़ने का शौक़ हममें से अधिकतर को बचपन से रहा होगा। कभी सोचा नहीं था कि एक दिन इसमें जगह मिलेगी, वो भी उपन्यास मेघना की लेखिका के रूप में और मेघना में वेब सीरीज़ या ओटीटी… Continue reading मायापुरी में मेघना
Category: उपन्यास-मेघना
स्त्री-विमर्श एवं नारी सशक्तिकरण पर लिखा उपन्यास
पुस्तक समीक्षा- मेघना
--- पुस्तक समीक्षा --- उपन्यास - मेघना लेखिका - कुसुम गोस्वामी * हमारे हाथों में एक अनमोल तोहफ़ा है आज जिसे बेहद ख़ूबसूरत नीले लिबास में हमने पाया। इस तोहफ़े का नाम है "मेघना"। कोई उपन्यास गहन चिंतन और मनन के बाद ही अपना स्वरूप ग्रहण करता है।मेघना नामक यह उपन्यास हमें एक विराट कैनवास… Continue reading पुस्तक समीक्षा- मेघना
पुस्तकें- हमारी सच्ची मित्र
किताबें सुख-दुख की साथी होती हैं जैसे कोई छुटपन का संगी। दुख के समय ये हिम्मत देती हैं लहलहाकर, गलबहियाँ डाल सारी उदासी दूर खदेड़ देती हैं। खुशियों के पलों में होठों की मुस्कान को दोगुना चौड़ा कर देती हैं। इनके साथ आहिस्ता-आहिस्ता आत्मीय संबंध बनता जाता है। ये कभी अकेलेपन का अहसास नहीं होने… Continue reading पुस्तकें- हमारी सच्ची मित्र
मेघना- किंडल फ़ारमैट
मेघना अब किंडल पर भी जिन रीडर्स को E-Book पढ़ने का शौक़ है उनके लिए खुशख़बरी! मेघना अब किंडल पर भी उपलब्ध है। कोरोना काल में जब बीच-बीच में कहीं-कहीं लॉकडाउन की वजह से डिलीवरी में विलंब हो रहा है ऐसे में किंडल एक अच्छा विकल्प है। तो निराशा भरे वातावरण को थोड़ी देर के… Continue reading मेघना- किंडल फ़ारमैट
मेघना- समीक्षा- 3
उपन्यास - मेघना एक अलबेली सी पहेली लेखिका - कुसुम गोस्वामी जी समीक्षा - कुछ रोज पहले मेरी मुलाकात "मेघना" से हुई जो लेखिका कुसुम गोस्वामी जी द्वारा रचित एक बेहतरीन उपन्यास है शुरुआत करूंगी कि मेघना सिर्फ एक किताब नहीं है, मेघना हर वह लड़की है, यह वह स्त्री है जो सपने देखती है,… Continue reading मेघना- समीक्षा- 3
मेघना- समीक्षा- 2
"इन दिनों मेरी किताब" पर मेघना की समीक्षा: कुछ उपन्यास और उसके पात्र किताब ख़त्म होने के बाद भी दिलो दिमाग में घूमते रहते हैं। एक ऐसा ही उपन्यास है "मेघना: एक अलबेली-सी पहेली"। उपन्यास क्या है यूँ लगता है जैसे हम किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गए और कोई हमारी जिंदगी का किस्सा… Continue reading मेघना- समीक्षा- 2
मेघना- समीक्षा-1
मेघना की समीक्षा : विशाल यादव जी द्वारा - साहित्य में लोकरंजन अनिवार्य है क्योंकि हास्य और व्यंग्य के बिना साहित्य में पंच नहीं आ पाएगा और वह ऐसी पुस्तक बनकर रह जाएगी जो सिर्फ नियम कायदे सिखाती है। चूंकि पुस्तक का पढ़ा जाना और फिल्म का देखा जाना उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है इसलिए… Continue reading मेघना- समीक्षा-1
मेघना- एक अलबेली-सी पहेली
स्त्री-विमर्श एवं नारी सशक्तिकरण पर लिखा उपन्यास "मेघना– एक अलबेली-सी पहेली" जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए, तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा...? जो सबके लिए जीती आई, जब उसे सहारे की ज़रूरत हुई तो किसी ने दिया उसका साथ? जानने के लिए बस थोड़ा और इंतज़ार... #मेघना_एक_अलबेली_सी_पहेली शीघ्र आ रही… Continue reading मेघना- एक अलबेली-सी पहेली
नायिका से मुलाक़ात
जैसे हर इंसान स्वभाव से भिन्न होता है, वैसे ही हर कहानी की नायिका भिन्न होती है। तो कैसी है हमारी कहानी की नायिका "मेघना" ? चलिए! उससे पहले, उससे पहचान का सिलसिला रखते हैं... उपन्यास "मेघना – एक अलबेली-सी पहेली" हिन्दयुग्म प्रकाशन से शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है।
मेघना- एक अलबेली-सी पहेली
मातारानी की कृपा, माँ सरस्वती के आशीर्वाद और आप सब शुभचिंतकों की शुभकामनाओं का प्रतिफल है जो आपसे एक खुशी साझा करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ ... आदरणीय मित्रों ! नववर्ष के प्रथम माह की विदाई की बेला एवं बसंत ऋतु के आगमन से थोड़ा पूर्व आज, एक सुनहरी दोपहरिया में, आपको अपना राज़दार… Continue reading मेघना- एक अलबेली-सी पहेली