उपन्यास - मेघना एक अलबेली सी पहेली लेखिका - कुसुम गोस्वामी जी समीक्षा - कुछ रोज पहले मेरी मुलाकात "मेघना" से हुई जो लेखिका कुसुम गोस्वामी जी द्वारा रचित एक बेहतरीन उपन्यास है शुरुआत करूंगी कि मेघना सिर्फ एक किताब नहीं है, मेघना हर वह लड़की है, यह वह स्त्री है जो सपने देखती है,… Continue reading मेघना- समीक्षा- 3
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मेघना- समीक्षा- 2
"इन दिनों मेरी किताब" पर मेघना की समीक्षा: कुछ उपन्यास और उसके पात्र किताब ख़त्म होने के बाद भी दिलो दिमाग में घूमते रहते हैं। एक ऐसा ही उपन्यास है "मेघना: एक अलबेली-सी पहेली"। उपन्यास क्या है यूँ लगता है जैसे हम किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गए और कोई हमारी जिंदगी का किस्सा… Continue reading मेघना- समीक्षा- 2
मेघना- समीक्षा-1
मेघना की समीक्षा : विशाल यादव जी द्वारा - साहित्य में लोकरंजन अनिवार्य है क्योंकि हास्य और व्यंग्य के बिना साहित्य में पंच नहीं आ पाएगा और वह ऐसी पुस्तक बनकर रह जाएगी जो सिर्फ नियम कायदे सिखाती है। चूंकि पुस्तक का पढ़ा जाना और फिल्म का देखा जाना उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है इसलिए… Continue reading मेघना- समीक्षा-1
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
सुर्ख़ हुए गुलाबी गाल उलझ गए सुलझे बाल, कौन रखे अपना ख्याल बदल गई सबकी चाल, कोई दे रहा है ताल सबने मचाया खूब धमाल, कोई पूछो न आज हाल आ गया मानो भूचाल, मिट गए दिलों के मलाल उड़ा फ़िज़ाओं में जब गुलाल... उड़ा जब गुलाल... ©® कुसुम गोस्वामी होली की पावन… Continue reading होली की हार्दिक शुभकामनाएं