जिस पॉपकॉर्न और कोल्डड्रिंक को हम बाहर 30-30 रुपये में पीते हैं उसकी कीमत उछलकर अचानक सिनेमा हॉल में 300-400 तक पहुंच जाती है।और टिकटों के आसमान छूते मूल्यों का क्या कहना। एक स्टार को स्टार, आम से ख़ास हम ही बनाते हैं। लखपति से करोड़पति फिर अरबपति हमारी जेब से झड़े पैसे ही बनाते… Continue reading प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं
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खुशियों के रंग
खुशी है एक उमंग, खुशी है जल तरंग ! खुशी है बारिश की रिमझिम, खुशी है तारों की टिमटिम ! खुशी है उनका प्यार, खुशी है उसका इजहार ! खुशी है चिड़ियो का चहकना, खुशी है मोर का नाचना ! खुशी है मधुर संगीत सुनना, खुशी है मीठी धुन पे थिरकना ! खुशी है मस्त… Continue reading खुशियों के रंग
खुद पर कर एतबार
हारकर जीवन में न होंगे हताश, जीत की जारी रखेंगे सदा तलाश माना किस्मत पर नहीं है अपना ज़ोर, पर चल तो सकते हैं मंजिल की ओर जीवन रस में घोलें खुशियों की मिठास , कभी तो रंग लाएगा अपना एक प्रयास मुश्किलों की खड़ी होंगी जब कई दीवार, हौसलों की बनाएंगे मजबूत ऊंची मीनार… Continue reading खुद पर कर एतबार
काश कुछ ऐसा हो जाए
काश कुछ ऐसा हो जाए हाँ कोई जादू हो जाए नाम तेरा होठों पे आए और तू हाजिर हो जाए काश कुछ ऐसा हो जाए बादल पूछ के जल बरसाए कभी धरती सूखी न रह पाए कहीं फिर बाढ़ नही आए काश कुछ ऐसा हो जाए हर जुमॆ ही मिट जाए बेफ्रिक हम घर से… Continue reading काश कुछ ऐसा हो जाए
दुआ है मेरी रब से
मेरे सभी मित्रों के लिए ये दुआ है मेरी रब से, तेरी हर दुआ कबूल हो जाए ! खुशियों में तो , तू खुश रहे सदा, गम में भी तेरी आँख न भर पाए !! ©®कुसुम गोस्वामी
छुपी खुशी
खुशियों की राह देखोगे तो वो कभी न पास आएंगी तुम्हारे क्योंकि वो तो न जाने कब से दिल में छुपी बैठी है तुम्हारे गम, ईष्या, लालच, क्रोध का साया जाने किस-किस को तूने अपनाया कभी इन्हें भुलाकर देखो खुशी तभी आएगी बुलाकर देखो नही तो वह रुठकर चली जाएगी गम या खुशी एक ही… Continue reading छुपी खुशी
पेपर्स जरूरी हैं भाई …
इतिहास का निर्णय …
अजित डोभाल का हिंदुओं को संदेश...
बलात्कारियों को भी बचाओ ?
अब कोई इतना मूर्ख तो हो नहीं सकता कि CAA और NRC में फ़र्क या ये क्यों ज़रूरी हैं ये न समझे।असली मुद्दे पर आओ?बहाना क्यों बना रहे हो?रही बात हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने की।अरे! जब इन कट्टर मुसलमानों ने भारत के अंदर कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को बेरहमी से निकाल दिया। तो इन… Continue reading बलात्कारियों को भी बचाओ ?
ऐ! मेरे वतन के लोगों
ऐ! मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर लो पानी, इतनी जल्दी कैसे तुम भूले कश्मीर की वो दर्द भरी कहानी... कश्मीर में हिंदुओं पर कहर टूटने का सिलसिला 1989 जिहाद के लिए गठित जमात-ए-इस्लाम ने शुरू किया था।14 सितंबर 1989 को भाजपा के नेता पंडित टीका लाल टपलू को कई लोगों के सामने… Continue reading ऐ! मेरे वतन के लोगों
बदलाब जरूरी हैं
मेरी आदत है ग़लत बात बर्दाश्त नहीं!!! चुप रहकर खामोशी से सब सहना आ जाता तो कभी लेखिका न बन पाती। प्रेम और क्रोध दोनों ही आते हैं। अपनी इस आदत पर मुझे स्वाभिमान ही महसूस होता है इसी की वजह से दिमाग़ में समस्याएं और उनके उपाय स्वतः घूमते रहते हैं। मेरा मानना है… Continue reading बदलाब जरूरी हैं